Home छत्तीसगढ़ उर्वरक के अवैध विक्रय और कालाबाजारी पर प्रशासन की सख्ती

उर्वरक के अवैध विक्रय और कालाबाजारी पर प्रशासन की सख्ती

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कृषकों को शासन द्वारा निर्धारित दर पर उर्वरक उपलब्ध कराने तथा उर्वरक के अवैध परिवहन, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन गरियाबंद द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में कलेक्टर श्री भगवान सिंह उइके के निर्देश एवं उप संचालक कृषि श्री चंदन रॉय के मार्गदर्शन में सहायक संचालक कृषि श्री अनिल कुमार कौशिक एवं उर्वरक निरीक्षक दल द्वारा मैनपुर विकासखण्ड के मेसर्स राजेन्द्र खाद भंडार धुरवागुड़ी और मेसर्स सिद्धि विनायक कृषि केन्द्र गोहरापदर का औचक निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान मेसर्स राजेन्द्र खाद भंडार धुरवागुड़ी द्वारा कृषकों को निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर उर्वरक विक्रय करना, अघोषित परिसर में भंडारण करना, मूल्य सूची प्रदर्शित न करना, नगद एवं उधार का ज्ञापन जारी न करना तथा आवश्यक अभिलेखों का संधारण नहीं करना पाया गया। इसे उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए संस्थान में उपलब्ध 520 बोरी यूरिया जब्त कर विक्रय प्रतिबंध की कार्रवाई की गई। खाद भण्डार के संचालक को 03 दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया गया तथा संबंधित संस्थान का उर्वरक प्राधिकार पत्र 07 दिवस के लिए निलंबित कर दिया गया है।

जिले में वर्तमान में सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है तथा जिन समितियों में कमी है वहां तत्काल उर्वरकों की आपूर्ति की जा रही है। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत विक्रेताओं से ही निर्धारित दर पर उर्वरक खरीदें तथा प्रत्येक लेनदेन पर पक्का बिल लेना सुनिश्चित करें। साथ ही अनधिकृत व्यवसाय अथवा अधिक कीमत पर विक्रय की जानकारी प्राप्त होने पर विभागीय अधिकारियों को इसकी सूचना देने की अपील की गई है।

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