शुक्रवार, 11 जुलाई की शाम करीब 7:49 बजे दिल्ली-एनसीआर समेत हरियाणा के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई और इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में रहा. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, भूकंप ज़मीन के अंदर 10 किलोमीटर गहराई में आया था. इसका स्थान हरियाणा के झज्जर इलाके में था, जो उत्तर दिशा में 28.68 डिग्री और पूर्व दिशा में 76.72 डिग्री पर स्थित है.
यह इस हफ्ते दूसरी बार है जब राजधानी दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में ज़मीन हिलती महसूस की गई. इससे पहले गुरुवार सुबह 9:04 बजे भी झज्जर के पास रिक्टर स्केल पर 4.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका प्रभाव दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, हिसार, पानीपत और मेरठ तक महसूस किया गया था. गुरुवार का भूकंप झज्जर से उत्तर-पूर्व की ओर 3 किमी दूर और दिल्ली से 51 किमी पश्चिम में आया था.
सोशल मीडिया पर लोगों ने शेयर किया अपना डर
भले ही इन दोनों घटनाओं में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है, लेकिन लगातार दो दिनों तक धरती के हिलने से लोगों में चिंता बढ़ गई है. सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने अपने अनुभव साझा करते हुए लिखा, “फिर से हिल गई जमीन”, “क्या आप लोगों ने भी महसूस किया?” कुछ लोगों ने अपने घर और ऑफिस से बाहर निकलने की भी बात कही.
भूकंप की घटनाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या दिल्ली-एनसीआर बड़े भूकंप की दिशा में बढ़ रहा है? विशेषज्ञों की मानें तो यह इलाका भूकंपीय जोन IV में आता है जो मध्यम से उच्च खतरे वाला ज़ोन माना जाता है. दिल्ली की घनी आबादी और पुरानी इमारतें इसे और भी संवेदनशील बना देती हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अफवाहों से बचने और सतर्क रहने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि झटकों के समय घबराएं नहीं, खुले स्थानों में जाएं और जरूरत पड़ने पर आपातकालीन नंबरों से संपर्क करें.
भूकंप में कैसे करें बचाव
भूकंप के दौरान सबसे जरूरी है – घबराहट से बचना और सही समय पर सही कदम उठाना. जैसे ही झटके महसूस हों, तुरंत किसी मजबूत टेबल या बेड के नीचे शरण लें और अपने सिर को हाथों से ढक लें. खिड़की, शीशे या भारी सामान से दूर रहें. अगर आप ऊंची इमारत में हैं तो लिफ्ट का इस्तेमाल न करें और जब तक झटके बंद न हो जाएं वहीं रुके रहें. बाहर हों तो बिजली के खंभों, पेड़ों और इमारतों से दूर खुले मैदान में चले जाएं. वाहन में हों तो धीरे-धीरे रोककर वहीं रुक जाएं जब तक सबकुछ सामान्य न हो जाए. भूकंप के बाद गैस, बिजली और पानी की लाइनों की जांच करें और जरूरत पड़ने पर आपदा राहत नंबरों पर संपर्क करें.