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chhatisgarh : रायपुर समेत पूरे छत्‍तीसगढ़ में मौसम की मेहरबानी के चलते बिजली की खपत इस वर्ष कम हुई है।

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chhatisgarh : रायपुर समेत पूरे छत्‍तीसगढ़ में मौसम की मेहरबानी के चलते बिजली की खपत इस वर्ष कम हुई है।

रायपुर समेत पूरे छत्‍तीसगढ़ में मौसम की मेहरबानी के चलते बिजली की खपत इस वर्ष कम हुई है। मई का तीसरा सप्ताह चल रहा है, लेकिन अब तक पारा 44 डिग्री नहीं पहुंचा है। पिछले एक सप्ताह से तापमान 40 डिग्री से नीचे चल रहा है। तापमान में बढ़ोतरी नहीं होने के कारण बिजली की खपत भी पिछले साल की अपेक्षा कम हो गई।

विभागीय आंकड़ों के अनुसार एक परिवार में महीने में बिजली 300 से 400 यूनिट तक खपत होती है। हर साल मई में यह बढ़कर 600 तक पहुंच जाती है, लेकिन अब तक मौसम में स्थिरता बने रहने के कारण लोग एसी-कूलर कम चला रहे हैं। यहीं कारण है कि बिजली की खपत में भी स्थिरता बनी हुई है।

बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि शहर में हर साल गर्मी के दिनों में 10 प्रतिशत बिजली खपत बढ़ने का ट्रेंड है। खपत में यह वृद्धि सामान्य है, क्योंकि हजारों नए कनेक्शन भी लिए जाते हैं, इससे मांग बढ़ती है। गर्मी में खपत सीधे औसतन 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। इस साल मई के महीने में अब तक खपत में औसत के अनुसार वृद्धि नहीं हुई है, जबकि पिछले साल मई की औसत डिमांड (खपत) 343.18 मेगावाट पहुंची थी। इस साल बिजली की औसत डिमांड 391.18 मेगावाट है।

मई में बढ़ती रही है खपत : मई के महीने में बिजली की खपत औसत रूप से डेढ़ से दोगुना बढ़ जाती है। घरों में दिन और रातभर एसी-कूलर और पंखे का उपयोग होता है। बर्फ, ठंडे पेय पदार्थों का उपयोग अधिक होने के कारण फ्रीज की कूलिंग भी बढ़ा दी जाती है। इन कारणों से बिजली की खपत बढ़ती है। सामान्य दिनों में एक परिवार में बिजली की खपत 300 से 400 यूनिट तक होती है। मई में ये खपत 500 से 600 यूनिट तक बढ़ जाती है।

पावर कंपनी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर रायपुर रीजन जेएस नेताम ने कहा, इस साल बिजली की डिमांड मई की शुरुआत में ज्यादा होने से खपत 410 मेगावाट तक पहुंच गई थी, हालांकि इसके बाद तापमान में उतार-चढ़ाव की वजह से गर्मी कम रही। इसका असर बिजली की खपत पर नजर आ रहा है। अनुमानित खपत को ध्यान में रखते हुए पहले से बिजली की व्यवस्था करने से किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है।

पहले सप्ताह में 400 मेगावाट तक पहुंची डिमांड : इस साल बिजली की पीक डिमांड हाई पर पहुंच गयी है, लेकिन मौसम में स्थिरता नहीं है। पिछले दिनों गर्मी पड़ने के बाद बादल-बारिश की वजह से मौसम भी ठंडा रहा, यहीं कारण है कि इससे बिजली की डिमांड घट रही है। मई के पहले हफ्ते में बिजली की अधिकतम मांग लगभग 400 मेगावाट तक पहुंच गई थी। इस दौरान तेज गर्मी भी पड़ी और दिन का तापमान 42-43 डिग्री तक पहुंचता रहा, हालांकि मई के दूसरे सप्ताह से मौसम में बदलाव आने से ठंडक बना रहा। खासकर रात के समय उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली।