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महाराष्ट्र : दही हांडी या सियासी अखाड़ा? पारंपरिक त्योहार के जरिये चुनावी राजनीति…

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‘गोंविद रे गोपाला…’

‘बोलो बजरंग बली की जय…’

जन्माष्टमी के दौरान पूरे महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव के दौरान ये उदघोष सुनाई देना आम बात है.

लेकिन आज के दौर में जनमाष्टमी के इस पारंपरिक जश्न को श्रृद्धालुओं का उल्लास कहा जाना चाहिए या राजनेताओं का?

समय के साथ इनके आयोजन में राजनीतिज्ञों का दख़ल बहुत बढ़ गया है. इसी वजह से ऐसे सवाल उठाए जा रहे हैं.

सबसे ऊँचा दही हांडी आयोजन कौन कर रहा है? इस आयोजन में कौन सी टोली आख़िर में जीत हासिल करेगी? लाखों का इनाम कौन देगा?

तमाम चर्चाएं इस दिशा में होती दिखती हैं. तो क्या दही हांडी वाकई गोविंदा टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा है या राजनीतिक नेताओं के बीच?

मुंबई महानगरी और ठाणे में दही हांडी उत्सव राजनीतिक अखाड़ा बनता नजर आ रहा है. होड़ इस बात की है कि कौन-सा नेता अपने दही हांडी कार्यक्रम में कितने लाख का इनाम देगा?

पिछले कुछ सालों में यह उत्सव एक भव्य आयोजन में बदल गया है. कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के लिए शुरू हुआ दही हांडी का खेल, अपने पारंपरिक रूप से हटकर एक इवेंट-सा बनता जा रहा है.

लाखों रुपये का इनाम

महाराष्ट्र में जल्द ही चुनाव होने हैं. इसी वजह से राजनीतिक दलों की रुचि इस त्यौहार में पहले के मुकाबले कहीं अधिक है. पार्टियां इसे लोगों में अपनी पैठ बढ़ाने के अवसर के रूप में देख रही हैं.

दही हांडी उत्सव में दही या फलों से भरी हांडी को ऊंचाई तक ले जाया जाता है. कुछ जगहों पर इसे इतना ऊपर ले जाया जाता है कि जमीन पर खड़ा व्यक्ति भी साफ हांडी को नहीं देख पाता.

इस दही हांडी को फोड़ने के लिए युवाओं की टोलियां होती हैं जिन्हें गोविंदा कहा जाता है.

हांडी फोड़ने के लिए गोविंदाओं की टीमें एक ह्यूमन टॉवर बनाती हैं. फिर युवा मंडलियों में हांडी फोड़ने की होड़ मच जाती है. सबसे पहले हांडी तोड़ने वाली गोविंदा टीम को पुरस्कार राशि दी जाती है.

आयोजन स्थल पर एक के बाद एक गोविंदा की टीमें कतार में लगी होती हैं. साथ ही तेज संगीत के कार्यक्रम भी चल रहे होते हैं.

कुछ जगहों पर लाइव म्यूजिक, तो कहीं डीजे की धूम रहती है. कुछ जगहों पर गोविंदा की टीमों के शरीर पर पानी भी फेंका जाता है. इस दौरान फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों और राजनीतिक नेताओं का रेला देखने को मिल सकता है.

मंच से नेताओं के भाषण होते रहते हैं. कलाकार भी लोगों का ख़ूब मनोरंजन करते हैं. और ये सब देखने के लिए सैकड़ों युवा वहां जुटते हैं.

मुंबई और ठाणे में दही हांडी उत्सव के मौके पर राजनीतिक नेता अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में शक्ति प्रदर्शन करते नजर आते हैं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ठाणे में तेम्भी नाका दहीहांडी उत्सव में लाखों रुपये के इनाम की घोषणा की गई है.

उन्होंने हांडी फोड़ने वाली गोविंदा टीम को 2 लाख 51 हजार रुपये और महिला टीम को एक लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है.

बीजेपी नेता और मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार ने 51 लाख 51 हजार 510 रुपये के इनाम की घोषणा की है.

शिवसेना विधायक (शिंदे गुट) प्रकाश सुर्वे ने 50 लाख 5 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है.

शिंदे की पार्टी के नेता और ठाणे विधायक प्रताप सरनाईक ने 9 परतों का रिकॉर्ड तोड़ने वाली गोविंदा टीम को 21 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है.

मनसे नेता अविनाश जाधव ने ठाणे में दही हांडी उत्सव का आयोजन किया है. इसमें एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे मौजूद रहेंगे. उन्होंने नौ परतें लगाने वाली गोविंदा टीम को 11 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है.

कुल मिलाकर सियासी दलों में इनाम बांटने की एक होड़-सी लगी हुई है.

वे कितनी भी कोशिश कर लें.

बीजेपी ने वरली विधायक आदित्य ठाकरे के निर्वाचन क्षेत्र के जंबूरी मैदान में ‘परिवर्तन’ दही हांडी का आयोजन किया है. वरली में युवा सेना की ओर से भी दही हांडी मनाई जाएगी. और इसके लिए आदित्य ठाकरे मौजूद रहेंगे.

इससे ठाकरे गुट और बीजेपी के बीच नया विवाद शुरू हो गया है.

उद्धव ठाकरे गुट के विधायक सचिन अहीर ने बीजेपी को खुली चुनौती दी है.

उन्होंने कहा, “बीजेपी वर्ली में दही हांडी उत्सव मनाने की कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन ये कोशिश खोखली ही रहेगी. बीजेपी को काग़ज़ पर लिखकर देना चाहिए कि उनका दही हांडी उत्सव अगले पांच से दस साल तक जारी रहेगा. इसे चुनाव की वजह से ही क्यों आयोजित किया जा रहा है?”

बीजेपी दही हांडी के आयोजक संतोष पांडे ने इसपर कहा, “हम इस लिए ये आयोजन कर रहे हैं क्योंकि सचिन अहीर इतना बड़ा इवेंट नहीं करने में सक्षम नहीं हैं. हम अपना काम करना जारी रखेंगे.”

शिव सेना के दोनों गुट आमने-सामने

महाराष्ट्र के बाक़ी हिस्सों की तरह ठाणे शहर में भी राजनीतिक नेता हर साल दही हांडी उत्सव का आयोजन करते रहे हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा आयोजित दही हांडी उत्सव तेम्भी नाका क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा.

शहर में एक आयोजन ठाकरे समूह के नेता राजन विचारे भी कर रहे हैं.

ठाणे में शिंदे गुट के विधायक प्रताप सरनाईक ने हर साल की तरह इस साल भी दही हांडी उत्सव की योजना बनाई है.

उन्होंने 9 परतों का रिकॉर्ड तोड़ने वाली टीम के लिए एक विशेष पुरस्कार की घोषणा की है. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है.

मनसे नेता अविनाश जाधव ने भी ठाणे में दही हांडी उत्सव के लिए बड़ी तैयारी की है. इस कार्यक्रम में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे शामिल होंगे.

इसके अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों ने मुंबई शहर, उपनगरों और ठाणे शहर में कई स्थानों पर दही हांडी उत्सव का आयोजन किया है.

गोविंदा टीमों के जरिए लाखों रुपये के इनाम की घोषणा कर युवाओं को आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, दही हांडी उत्सव का आयोजक करने वाले सियासतदान इससे इनकार करते हैं.

शिंदे ग्रुप के प्रवक्ता नरेश म्हस्के कहते हैं, ”गोविंदा हमारे सेलिब्रिटी हैं. हम जान जोखिम में डालने वाली प्रतियोगिता नहीं करते. महोत्सव में कई मशहूर हस्तियां शामिल होती हैं.”

वे इस बात से इंकार करते हैं कि दही हांडी किसी किस्म के शक्ति प्रदर्शन का ज़रिया है.

वे कहते हैं, “कार्यक्रम स्थल पर आपको कहीं भी पार्टी का नाम, चुनाव चिह्न नहीं दिखेगा. अब ब्रैंडिंग हो गई है. इसमें मंडलों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है. ये सब एक दिन में नहीं होता. बहुत से लोग इसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं. हम भी ऐसे कार्यकर्ता हैं जो इन त्योहारों को देखते हुए बड़े हुए हैं.”

पहली बार प्रो-गोविंदा दही हांडी का आयोजन

प्रो कबड्डी लीग की तर्ज पर महाराष्ट्र में पहली बार प्रो दही हांडी का आयोजन किया गया है. राज्य सरकार ने इसकी घोषणा पहले ही कर दी थी.

टूर्नामेंट मुंबई के वर्ली डोम में आयोजित किया जाएगा. मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने कहा था कि गुंबद 40 फ़ुट ऊंचा है.

इस प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार 11 लाख रुपये, दूसरा पुरस्कार 7 लाख रुपये और तीसरा पुरस्कार 3 लाख रुपये है. साथ ही सरकार ने गोविंदा टीमों के सदस्यों के लिए 18 लाख 75 हजार रुपये का बीमा भी करवाया है.

सरकारी बीमा कवर 8 सितंबर तक लागू रहेगा. 75 हजार गोविंदाओं को इस बीमा का कवर मिलेगा. प्रो गोविंदा दही हांडी के दौरान गोविंदा की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु या गंभीर चोट की स्थिति में, यह सरकारी बीमा कवर लागू होगा.

वरिष्ठ पत्रकार संदीप प्रधान कहते हैं कि इसमें संदेह करने का कोई कारण नहीं है कि दही हांडी राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का मंच भी बन गया है.

वे बताते हैं कि ऐसे उत्सवों से युवा आकर्षित होते हैं, कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है, उन्हें लाखों रुपये का पुरस्कार दिया जाता है. और इस सबका इस्तेमाल राजनीतिक दल युवाओं के वोटों को अपनी ओर मोड़ने के लिए करते हैं.

लेकिन क्या ये प्रयास वास्तव में राय बदलते हैं?दही हांडी (प्रतीकात्मक फ़ोटो)

इस बारे में बात करते हुए प्रधान कहते हैं, ”सियासतदान वोट के लिए ऐसे कई प्रयास कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन कक्षाएं, गणेश मंडलों को दान, रोज़गार शिविर आदि का आयोजन किया जा रहा है. आजकल, बुज़ुर्गों के लिए तीर्थ स्थलों की यात्राएं आयोजित की जाती हैं. दही हांडी भी ऐसे ही युवाओं तक पहुँचने का ज़रिया है.”

वे इसे सियासतदानों के बीच प्रतिष्ठा की जंग के रूप में देखते हैं.

संदीप प्रधान कहते हैं, “ठाणे में हम देख रहे हैं कि जो लोग साल-दर-साल दही हांडी का आयोजन करते हैं, वे विधायक चुने जाते रहे हैं. साथ ही, ऐसे आयोजनों से नेताओं को प्रचार भी मिलता है. यह लोकप्रियता बढ़ाने का भी एक प्रयास है.”

दही हांडी को साहसिक खेल के रूप में मान्यता देने के बाद प्रो कबड्डी की तरह प्रो दही हांडी जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.

संदीप प्रधान कहते हैं, “क्रिकेट में जब आईपीएल का खेल शुरू हुआ तो खूब पैसा आया. उसके बाद हमने देखा कि प्रो-कबड्डी भी शुरू हो गया. दही हांडी में भी कुछ ऐसा हो सकता है. चूंकि इसमें पैसा जुड़ा है तो सट्टेबाजी की संभावना या फिक्सिंग से इनकार नहीं किया जा सकता.”

वरिष्ठ पत्रकार अभय देशपांडे कहते हैं कि मुंबई और ठाणे में दही हांडी जैसे त्योहारों को युवाओं से जुड़ने के अवसर के रूप में देखा जाता है.

उन्होंने कहा, “राजनीतिक दल मुंबई में गणेशोत्सव, दही हांडी, साई दिंडी, शिव जयंती जैसे कार्यक्रम आयोजित करके युवाओं से जुड़ने की कोशिश करते हैं. दही हांडी जैसे उत्सवों में भारी भीड़ जुट सकती है. राजनीतिज्ञ इसे जनता से जुड़ने का एक अवसर मानते हैं.”

लोकसभा और विधानसभा चुनाव आने वाले हैं तो ऐसे में सियासतदान को मौका चूकना नहीं चाहते.

बीबीसी मराठी से बात करते हुए विधायक प्रकाश सुर्वे ने कहा कि दही हांडी को राजनीतिक नज़रिये से नहीं देखा जाना चाहिए.

प्रकाश सुर्वे ने कहा, “कुछ लोग इसे चुनाव के लिए करते हैं, लेकिन मैं 21 साल से दही हांडी मना रहा हूं. हम इसे युवाओं को प्राथमिकता देने और प्रोत्साहित करने के लिए करते हैं.”

अगर ऐसा है तो नेता इस पर लाखों का ख़र्चा क्यों करते हैं?

सुर्वे कहते हैं, ”प्रतियोगिता और पुरस्कार से गोविंदा टीमों में उत्साह आता है. अब हमने गोविंदा के लिए बीमा मुफ्त कर दिया है. शर्तों में ढील दी गई है. इससे गोविंदा टीमों का आत्मविश्वास बढ़ा है.”