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सोने की हॉलमार्किंग के नियम अधिसूचित, 14, 18 और 22 कैरेट में ही सोने के आभूषण बेचे जा सकेंगे

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सोने के हॉलमार्किंग नियम 15 जनवरी 2021 से लागू होंगे. इसका उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये से लेकर माल के मूल्य के पांच गुना तक का जुर्माना लगाया जा सकता है तथा एक साल की क़ैद भी हो सकती है.

नयी दिल्ली: सरकार ने बाजार में बेचे जाने वाले सोने के गहनों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के नियमों को अधिसूचित कर दिया है. नए नियम अगले वर्ष 15 जनवरी से प्रभावी होंगे.

आभूषण विक्रेताओं को इसका पालन करने की तैयारियों के लिए एक साल का समय दिया गया है. इस नियम का उल्लंघन, भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत दंडनीय होगा.

अधिसूचना के अनुसार, बाजार में केवल पंजीकृत आभूषण विक्रेताओं को ही हॉलमार्क वाले सोने के वस्तुएं बेचने की अनुमति होगी.

पंजीकृत आभूषण विक्रेताओं को पहले के दस ग्रेड की तुलना में अब केवल सोने के तीन ग्रेड 14, 18 और 22 कैरेट में आभूषण और कलाकृतियां बेचने की अनुमति होगी. जनवरी 2017 से पहले 9 कैरेट, 14 कैरेट, 17 कैरेट, 18 कैरेट और 23 कैरेट में हॉलमार्क का इस्तेमाल किया जाता था.

बता दें कि सोने की हॉलमार्किंग, बहुमूल्य धातुओं की शुद्धता का प्रमाण है और फिलहाल ऐसा करना स्वैच्छिक है.

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए एक हॉलमार्किंग योजना चला रहा है और मौजूदा समय में लगभग 40 प्रतिशत स्वर्ण आभूषणों की हॉलमार्किग की जा रही है.

यह सोने के किसी ऐसे सामान पर लागू नहीं होगा, जिसका उपयोग चिकित्सा, दंत चिकित्सा, पशु चिकित्सा, वैज्ञानिक या औद्योगिक उद्देश्यों, सोने के धागे वाले सामान के लिए किया जाता है.

वहीं, निर्यात के लिए भी सोने के लिए हॉलमार्किंग की जरूरत नहीं है.

हॉलमार्क वाले सोने के गहनों में चार प्रमुख चीजें- बीआईएस चिह्न, कैरेट की विशुद्धता, हॉलमार्किंग केंद्रों का पहचान चिह्न या संख्या के अलावा आभूषण विक्रेता की पहचान चिह्न या उनका पहचान नंबर हैं.

भारतीय विश्व स्वर्ण परिषद के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने कहा, ‘एक साल के इस समय में उद्योग को मौजूदा सोने के स्टॉक को बेचने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा, साथ ही बुनियादी ढांचे में किसी भी कमी को दूर करने या लॉजिस्टिक्स में कोई भी परिवर्तन करने का समय मिलेगा.’

उन्होंने कहा कि हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाना उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए एक बहुप्रतीक्षित प्रगतिशील कदम है.

सोमसुंदरम के अनुसार, ‘जांच-परख और हॉलमार्किंग के क्षेत्र में रोजगार की संभावना बढ़ जाएगी. हॉलमार्किंग प्रतिस्पर्धा का समान अवसर प्रदान करेगा, जिससे छोटे कारोबारियों को फायदा होगा.’

मौजूदा समय में 234 जिलों में 892 आकलन और हॉलमार्किंग केंद्र हैं तथा 28,849 आभूषण विक्रेताओं ने बीआईएस पंजीकरण लिया है.

सरकार की देश के प्रत्येक जिले में हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित करने की योजना है.

इससे पहले बीत 14 जनवरी को उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा था, ‘आभूषण विक्रेता 15 जनवरी 2021 से केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने से बने हॉलमार्क वाले आभूषण और स्वर्ण कलाकृतियां ही बेच सकेंगे. इस नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना और एक वर्ष के कारावास का प्रावधान है.’

उन्होंने कहा था, ‘हमने सभी जिलों में हॉलमार्किंग केंद्र खोलने और इस एक साल में सभी आभूषण विक्रेताओं को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा है.’

इस दौरान बीआईएस के वरिष्ठ अधिकारी एचएस पसरीचा ने कहा था कि हॉलमार्किंग मानदंड के उल्लंघन पर एक लाख रुपये से लेकर माल के मूल्य के पांच गुना तक का जुर्माना लगाया जा सकता है तथा एक साल की कैद भी हो सकती है.

इससे पहले सरकार ने 10 अक्टूबर, 2019 को डब्ल्यूटीओ की वेबसाइट पर हॉलमार्किंग मानक के लिए मसौदा गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का मसौदा रखा था. उप पर किसी ने कोई सुझाव या टिप्पणी नहीं दी है.

बता दें कि भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है और हर साल 700-800 टन सोने का आयात करता है.